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मध्यप्रदेश में जीएसटी राजस्व में 11% की वृद्धि, 23,471 करोड़ रुपये का संग्रहण

Location: भोपाल                                                 👤Posted By: prativad                                                                         Views: 1106

भोपाल: 4 जनवरी 2024। मध्यप्रदेश में जीएसटी राजस्व में लगातार वृद्धि हो रही है। दिसंबर 2023 में यह पिछले वर्ष की तुलना में 11% बढ़कर 3,304 करोड़ रुपये हो गया है। यह जुलाई 2017 में जीएसटी लागू होने के बाद किसी एक माह में प्राप्त जीएसटी की सर्वाधिक राशि है।

पूरे वित्तीय वर्ष 2023-24 में अब तक जीएसटी से 23,471 करोड़ रुपये का संग्रहण हो चुका है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 21% अधिक है।

उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा ने करदाताओं का आभार व्यक्त करते हुए विभागीय अमले को बधाई दी है।

पिछले वित्तीय वर्ष 2022-23 के दिसम्बर माह में 2976 करोड़ रू. का राजस्व प्राप्त हुआ था। इसकी तुलना में चालू वित्तीय वर्ष में माह दिसम्बर में जीएसटी में रू. 3304 करोड़ का राजस्व प्राप्त हुआ। यह पूर्व वर्ष से 11 प्रतिशत अधिक है।

इस वृद्धि के लिए वाणिज्यिक कर विभाग द्वारा किए गए प्रयासों का श्रेय दिया जा रहा है। विभाग द्वारा पंजीकृत व्यवसायियों की संख्या बढ़ाने, बोगस करदाताओं की पहचान करने और स्क्रूटनी, आडिट और प्रवर्तन के विशेष अभियान चलाने जैसे कई उपाय किए गए हैं।

पंजीयत व्यवसाईयों की संख्या में वृद्धि के लिए प्रदेश के सभी जिलों की जनसंख्या एवं आर्थिक स्थिति के आधार पर पंजीयन के लक्ष्य निर्धारित किए गए। सभी वृत्त कार्यालयों में इस पंजीयन अभियान में तत्परता के साथ कार्य करते हुए अपंजीयत करदाताओं को पंजीयत करने का कार्य किया गया।

इसी का परिणाम है कि वर्तमान में प्रदेश में पंजीयत व्यवसाईयों की कुल संख्या 5 लाख से भी अधिक पहुंच चुकी है। वर्ष 2018 में पंजीयत व्यवसायी 384438 की तुलना में वर्तमान में पंजीयत व्यवसायी की संख्या 531147 है। जो तुलनात्मक रूप से 38 प्रतिशत अधिक है।

पंजीयन सत्यापन के लिए मोबाईल एप तैयार किया गया है। इस एप के माध्यम से ही फील्ड अधिकारियों के द्वारा संदिग्ध करदाताओं के पंजीयन सत्यापन की कार्यवाही की जा रही है। विभाग के द्वारा डेटा एनालिटिक्स के माध्यम से 4909 बोगस करदाताओं की पहचान की गई तथा इनमें से प्रदेश में पंजीयत 139 बोगस करदाताओं के पंजीयन निरस्त किए गए। बोगस/फेक तथा निष्क्रिय व्यवसाईयों को नियमित रूप से चिन्हित किया जाकर इनके पंजीयन निरस्तीकरण की कार्यवाही प्राथमिकता पर की जा रही है। जीएसटी लागू होने के उपरान्त अभी तक कुल 251510 पंजीयन निरस्त भी किए गए हैं।

राजस्व वृद्धि के अन्य प्रयासों में स्क्रूटनी, आडिट एवं प्रवर्तन के विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं। मुख्यालय स्थित डेटा, कमाण्ड एंड कंट्रोल सेन्टर में एनालिटिक्स टीम के द्वारा आयकर अधिनियम से संबंधित जानकारी का जीएसटी रिटर्नस से मिलान, अन्य शासकीय विभागों जैसे कोष एवं लेखा, माईनिंग, ट्रांसपोर्ट आदि से जानकारी प्राप्त कर उनका मिलान भी जीएसटी रिटर्नस से किया जा रहा है। अन्य विभागों से प्राप्त जानकारी के आधार पर अपंजीयत करदाताओं को पंजीयत करने की कार्यवाही भी की जा रही है। इन्दौर स्थित मुख्यालय द्वारा डेटा एनालिटिक्स के आधार पर विभिन्न कार्यवाहियों हेतु प्रकरण चिन्हित किए जाकर नियमित रूप से फील्ड अधिकारियों को प्रेषित किए जाते हैं। मुख्यालय स्तर पर कंस्ट्रक्शन, माईनिंग, बिल्डिंग मटेरियल, शासकीय सप्लाय आदि सेक्टर से संबंधित स्क्रूटनी के 4848 प्रकरण आबंटित किए गए। इन प्रकरणों की स्क्रुटनी के उपरान्त 442 करोड़ रू. की राशि जमा करवाई गई तथा 691 करोड़ रू. की अतिरिक्त मांग प्रस्तावित की गई। डेटा एनालिटिक्स के आधार पर ही ऑडिट के 1205 प्रकरणों का चिन्हांकन किया जाकर ऑडिट हेतु आवंटन किया गया। ऑडिट कार्यवाही से अभी तक 80 करोड़ की राशि जमा हो चुकी है। कर अपवंचन संबंधी सेक्टर के करदाताओं के विरूद्ध डेटा एनालिसिस के आधार पर प्रवर्तन की कार्यवाही की गई। इस वित्तीय वर्ष में कर अपवंचन में लिप्त ऐसे 1106 प्रकरणों में कार्यवाही की जाकर विभाग के द्वारा 438 करोड़ रू. जमा करवाए गए हैं।

आईटीसी रिवर्सल के क्षेत्र में भी विभाग के द्वारा डेटा एनालिसिस के आधार पर करदाताओं का चिन्हांकन किया गया तथा अपात्र तथा अप्राप्त आईटीसी का नियमानुसार रिवर्सल करवाया गया। आईटीसी रिवर्सल की इस कार्यवाही से विभाग को इस वित्तीय वर्ष में माह दिसम्बर तक 2642 करोड़ रू. की राशि आईजीएसटी सेटलमेंट के रूप में प्राप्त हुई है।




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